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बुधवार, अक्तूबर 01, 2008

भविष्य का अवतार - 'कल्कि'

Copper engraving of Kalki from the late 18th century.काल्कि का यह चित्र सौजन्य - Wikipediaभविष्य के गर्भ में है 'कल्कि' अवतार। यदि मानव सभ्यता के भविष्य पर विश्वास लाते हैं तो इस पर छाई काली घटाएं छंटनी ही हैं। बुद्घ का 'संघ' पर बड़ा विश्वास था। भागवत पुराण में संकेत दक्षिण मे जनमे अवतार का है। पर वह कोई संघटन भी हो सकता है। बिना समाज में दैवी शक्ति उत्पन्न किए और बिना विकृतियों को हटाए मानव का उद्दिष्ट पूरा नहीं होगा।

कालचक्र: सभ्यता की कहानी
०१- रूपक कथाऍं वेद एवं उपनिषद् के अर्थ समझाने के लिए लिखी गईं
०२- सृष्टि की दार्शनिक भूमिका
०३ वाराह अवतार
०४ जल-प्‍लावन की गाथा
०५ देवासुर संग्राम की भूमिका
०६ अमृत-मंथन कथा की सार्थकता
०७ कच्‍छप अवतार
०८ शिव पुराण - कथा
०९ हिरण्‍यकशिपु और प्रहलाद
१० वामन अवतार और बलि
११ राजा, क्षत्रिय, और पृथ्वी की कथा
१२ गंगावतरण - भारतीय पौराणिक इतिहास की सबसे महत्‍वपूर्ण कथा
१३ परशुराम अवतार
१४ त्रेता युग
१५ राम कथा
१६ कृष्ण लीला
१७ कृष्ण की सोलह हजार एक सौ रानियों
१८ महाभारत में, कृष्ण की धर्म शिक्षा
१९ कृष्ण की मृत्यु और कलियुग की प्रारम्भ
२० बौद्ध धर्म
२१ जैन धर्म
२२ सिद्धार्त से गौतम बुद्ध तक का सफर
२३ बौद्ध धर्म का विकास
२४ भारत में बौद्घ मत के ह्रास के कारण और वेदांती की आवश्यकता
२५  वेदांती शंकर अथार्त आदि शंकराचार्य
२६ भविष्य का अवतार - 'कल्कि'

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