मंगोलिया की पहाड़ी पर चंगेज खाँ का चित्र
परंतु पहले का साइबेरिया और उससे संलग्न मंगोलिया का भाग कभी भारतीय संस्कृति के प्रभाव-क्षेत्र थे, जहाँ दोनों हाथ जोड़कर अभिवादन करने की पद्घति थी। जहाँ धार्मिक कृत्य एवं पूजा गंगाजल के बिना संपन्न न होती थी, इसलिए वहीं की नदी के जल में, मंत्र द्वारा गंगाजल की प्रतिष्ठा कर धर्मकार्य पूरा किया जाता था। इनके विहारों में संस्कृत एवं अन्य भाषाओं के अनेक विषयों के प्राचीन ग्रंथ और भारतीय प्रतिमाएं मिलती हैं तथा उनके लोक-काव्य में रामायण की कथाएं। 'बैकल' झील के चारों ओर विद्या के अनेक केंद्र थे, जहाँ देवी सरस्वती के अनुपम चित्र एवं भव्य प्रतिमाएं थीं।
गोबी मरूभूमि
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कालचक्र: सभ्यता की कहानी
भौतिक जगत और मानव
मानव का आदि देश
सभ्यता की प्रथम किरणें एवं दंतकथाऍं
अवतारों की कथा
स्मृतिकार और समाज रचना
भौतिक जगत और मानव
मानव का आदि देश
सभ्यता की प्रथम किरणें एवं दंतकथाऍं
अवतारों की कथा
स्मृतिकार और समाज रचना
प्राचीन सभ्यताएँ और साम्राज्य
०९ - बैबिलोनिया१० - कस्सी व मितन्नी आर्य
११ - असुर जाति
१२ - आर्यान (ईरान)
१३ - ईरान और अलक्षेन्द्र (सिकन्दर)
१४ - अलक्षेन्द्र और भारत
१५ - भारत से उत्तर-पश्चिम के व्यापारिक मार्ग
१६ - भूमध्य सागरीय सभ्यताएँ
१७ - मिस्र सभ्यता का मूल्यांकन
१८ - पुलस्तिन् के यहूदी
१९ - यहूदी और बौद्ध मत
२० - जाति संहार के बाद इस्रायल का पुनर्निर्माण
२१ - एजियन सभ्यताएँ व सम्राज्य
२२ - फणीश अथवा पणि
२३ - योरोप की सेल्टिक सभ्यता
२४ - योरोपीय सभ्यता के 'द्रविड़'
२५ - ईसाई चर्च द्वारा प्राचीन यरोपीय सभ्यताओं का विनाश
२६ - यूनान
२७ - मखदूनिया
२८ - ईसा मसीह का अवतरण
२९ - ईसाई चर्च
३० - रोमन साम्राज्य
३१ - उत्तर दिशा का रेशमी मार्ग
३२ - मंगोलिया
मंगोलिया आज भी शेष दुनिया के लिए एक रहस्यमय देश ही है, कटा कटा सा..
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