रविवार, नवंबर 29, 2009

फणीश अथवा पणि

ऐसे ही फणीश (Phoenicians) थे। इनका उल्लेख वेदों में 'पणि' नाम से आता है। ये नाग-पूजक थे और संभवतः पुराणों में वर्णित यही 'नाग' जाति है। ये भूमध्य सागर के पूर्वी तट आधुनिक लेबनान (Lebanon) और इसराइल के तटवर्ती प्रदेश के निवासी कहे जाते हैं। इतिहास इन्हें इब्रानी 'केन-आनी' (Kena-ani)  शाब्दिक अर्थ : 'व्यापारी') के नाम से जानता है।


फणीश सभ्यता का सिक्का

इनके प्राचीन नगर जेबाल (Gebal, आधुनिक: Jubayl; ग्रीक :Byblos), सिडान (Sidon, आधुनिक: 'शायदा'), टायर (Tyre; अरबी: शूर Tsor; ग्रीक: Tyros) और बेरूत (Beror;  आधुनिक: Beirut; ग्रीक : Brytos), सभी प्रसिद्घ नगर थे। इन्हें आधार बनाकर सारे भूमध्य सागर में इनकी नौकाएँ जातीं। इनके व्यापार की वस्तुएँ थीं सभी तरह का सामान,  महीन और रँगे कसीदा तथा बेलबूटे कढ़े वस्त्र, इमारती लकड़ी, नमक, काँच और धातु का सामान, भांड, हाथीदाँत तथा काठ की कलाकृतियाँ। वस्त्रों की रँगाई और सागरीय परिवहन इनका विशेष उद्योग था। इन्होंने अनातोलिया, साइप्रस (CYpress), एजियन सागर के द्वीपों में तथा उत्तरी अफ्रीका के तट के कार्थेज एवं यूतिका (Utica), स्पेन के अटलांटिक महासागर पर केडिज (Cadiz या Grades ) और अन्य उपनिवेश बसाए।

व्यापार में अभिलेख आवश्यक थे, इसलिए कीलाक्षर लिपि से एक नई २२ अक्षरों की व्यंजन वर्णमाला विकसित की। इसमें स्वर न थे। यही ग्रीक (और अरबी) वर्णमाला की जननी है। अन्ततोगत्वा इसी से रोमन तथा आधुनिक यूरोपीय भाषाओं की वर्णमाला आई। यह उनका स्थायी योगदान आधुनिक यूरोपीय सभ्यता को है।


सिकंदर के द्वारा टायर शहर का घेरा 

इनके नगर स्वशासित व्यापारिक केंद्र थे। राज्य-सत्ता पर संपन्न व्यापारियों का अंकुश था। आश्चर्य की बात है कि नगरों में आपस में कभी लड़ाई नहीं हुयी। संभवतः लिपि के साथ यूनान ने इनसे भारतीय गणराज्य की व्यवस्था, सुमेर द्वारा, नगर-राज्य के रूप में प्राप्त की। पर यूनान में आपस में लड़ाई होती रही। विक्रम संवत् पूर्व नौवीं शताब्दी में असीरिया ने इनके नगरों पर अधिकार कर लिया। कालांतर में सिकंदर और रोम के आक्रमण इन नगरों पर हुए तथा विक्रम संवत् पूर्व दूसरी शताब्दियों में रोमवासियों ने कार्थेज नगर को जलाकर राख कर दिया। तब इस सभ्यता का अवसान पूर्ण हो गया।

इस चिट्ठी के चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से 

प्राचीन सभ्यताएँ और साम्राज्य

०१ - सभ्यताएँ और साम्राज्य
०२ - सभ्यता का आदि देश
०३ - सारस्वती नदी व प्राचीनतम सभ्यता
०४ - सारस्वत सभ्यता
०५ - सारस्वत सभ्यता का अवसान
०६ - सुमेर
०७ - सुमेर व भारत
०८ - अक्कादी
०९ - बैबिलोनिया
१० - कस्सी व मितन्नी आर्य
११ - असुर जाति
१२ -  आर्यान (ईरान)
१३ - ईरान और अलक्षेन्द्र (सिकन्दर)
१४ - अलक्षेन्द्र और भारत
१५ - भारत से उत्तर-पश्चिम के व्यापारिक मार्ग
१६ - भूमध्य सागरीय सभ्यताएँ
१७ - मिस्र सभ्यता का मूल्यांकन
१८ - पुलस्तिन् के यहूदी
१९ - यहूदी और बौद्ध मत
२० - जाति संहार के बाद इस्रायल का पुनर्निर्माण
२१ - एजियन सभ्यताएँ व सम्राज्य
२२ - फणीश अथवा पणि

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