शनिवार, अगस्त 15, 2009

कस्सी व मितन्नी आर्य

इसके बाद मध्य-पूर्व (दक्षिण-पश्चिम) में आया एक-दूसरे से संघर्षरत साम्राज्यों का युग। एक कस्सी (कसाइट) जाति ने बैबिलोनिया पर कब्ज़ा कर लिया। कस्सी (अथवा 'कश्यप') जाति, जिसके ऊपर 'कश्यप सागर' नाम पड़ा, उसकी तटवासिनी थी। कुछ पुरातत्वज्ञ इसे आर्य जाति की शाखा कहते हैं, जो ईरानी आर्यों के दबाव से बाबुल में आई, जैसे अनातोलिया (Anatolia) (तुर्की) में हित्ती (Hittites) और मितन्नी 'आर्य' (?) पहुँचे। इस कस्सी जाति के नाम, भाषा तथा धार्मिक क्रियाओं पर भारतीय परंपरा की छाप दिखती है। उनके प्रधान देवता 'सूर्यश' वैदिक 'सूर्य' ही हैं और 'मरूत्तश' 'मरूत'। उनके 'इंदबुगश' 'इंद्रदेव' हैं ('बुगश' का अर्थ देवता है)। उन्होंने व्यापारिक मार्ग सुरक्षित रखने और असुरों (Assyrians) से बचाने के लिए मिस्त्र तथा अन्य देशों से संधियँ कीं और पत्र-व्यवहार किया। इसी प्रकार हित्ती धार्मिक आख्यानों में 'सूर्य' को 'देवराज' कहा गया। उनकी यजिलीकय गैलरी में देवताओं की दो पंक्तियाँ हैं। एक के अग्र स्थान पर 'शिव' की मूर्ति जान पड़ती है तो दूसरी पंक्ति में प्रथम स्थान सिंहवाहिनी देवी 'हेवत' का है, जो दुर्गा का ही रूप है। हित्तियों की पूजा-विधि एवं कर्मकांड हिंदुओं से मिलते-जुलते हैं।

Çorum



हित्ती राज्य की राजधानी हत्तुसा (Hattusa) में शेर दरवाजा का चित्र विकिपीडिया से

ऎसा ही अनातोलिया की मितन्नी जाति का है। उनके देवताओं में मित्र (सूर्य), इंद्र, वरूण और अश्विनीकुमार (नासत्य-द्वय) हैं। उनके अंक भारत की याद दिलाते हैं। उनका अश्व-पालन पर ग्रंथ अब तक उपलब्ध है। अपने उत्कर्ष के समय उनके राजा दुश्रत्त (दशरथ) ने वंशजों के विवाह संबंध मिस्री राजाओं के साथ किए। समानता के आधार पर संधियाँ कीं। संभवतया हित्ती और मितन्नी शासक वर्ग 'आर्य' थे और उनमें सामी जातियों का सम्मिश्रण हो गया था। अनातोलिया के प्राचीन जीवन में स्पष्ट ही दो जातियाँ दिखती हैं। कम-से-कम उनमें एक जाति भारतीय जीवन-पद्घति से प्रभावित थी और भारतीय देवताओं, रीति-रिवाजों से भी। परंतु चाहे जो हो, हित्ती और मितन्नी जातियाँ बबिलोनिया के पूर्ण सामीकृत जीवन में कुछ बदल न ला सकीं। जैसा अनेक बार सामी राजघरानों में होता आया, दुश्रत्त को उसके पुत्रों ने ही मार डाला। अंत में असुर देश (Assyria) (आधुनिक सीरिया) स्वतंत्र हो गया।

प्राचीन सभ्यताएँ और साम्राज्य

०१ - सभ्यताएँ और साम्राज्य
०२ - सभ्यता का आदि देश
०३ - सारस्वती नदी व प्राचीनतम सभ्यता
०४ - सारस्वत सभ्यता
०५ - सारस्वत सभ्यता का अवसान
०६ - सुमेर
०७ - सुमेर व भारत
०८ - अक्कादी
०९ - बैबिलोनिया
१० - कस्सी व मितन्नी आर्य

Reblog this post [with Zemanta]

1 टिप्पणी: