कंबोडिया के राजा: नोरोदम - चित्र विकिपीडिया से |
इनके अत्याचारों से तंग हो जनता साम्यवाद की ओर आकर्षित हूयी। तब जो कुछ बचा था उसको कंबुज, लव देश और चंपा (वियतनाम) में आए साम्यवाद के आक्रमण ने नष्ट कर दिया। साम्यवादी सरकारों ने वहाँ की भारतीय संस्कृति के अवशेषों को कुचला। मनमाने आदेशों से उनके प्राचीन काल से चलते आए जीवन के समूल विनाश का यत्न किया। मंदिर एवं विहार, अमूल्य शिल्प और कलाकृतियाँ नष्ट कर पुजारियों और बौद्घ भिक्षुओं को बलात् श्रम में जोता। साहित्य, परंपराएँ एवं संस्कृति- सभी उनके कोपभाजन बने।
मानव सभ्यता के हतभाग्य के ये सब निमित्त मात्र थे। मूल कारण शरद हेबालकर ने निम्न शब्दों में वर्णित किया है,
'सैकड़ों वर्षों से भरत-भूमि के पुत्र इन हिंदु राज्यों में जाते रहते थे। वे ज्ञान, विज्ञान, पराक्रम लेकर जाते थे। पर दसवीं सदी के बाद स्वयं भारत इसलाम के आक्रमण का प्रतिकार करने में व्यस्त हो गया। धर्म, संस्कृति, भूमि, समाज आदि पर सर्वकष आक्रमणों से भारत ही घायल व व्याकुल था। एक भयंकर ग्लानि से वह ग्रस्त था।-- और जब चैतन्य का यह स्त्रोत ही बंद हो गया तो नहरों में चैतन्य का प्रवाह कहाँ से आता ? और उस चैतन्य के अभाव में यदि उन नहरों के आसपास के प्रदेश सूख बए तो क्या आश्चर्य ?'मानव सभ्यता की सबसे बड़ी त्रासदी थी भारत में विदेशी शासन।
कालचक्र: सभ्यता की कहानी
भौतिक जगत और मानव
मानव का आदि देश
सभ्यता की प्रथम किरणें एवं दंतकथाऍं
अवतारों की कथा
स्मृतिकार और समाज रचना
भौतिक जगत और मानव
मानव का आदि देश
सभ्यता की प्रथम किरणें एवं दंतकथाऍं
अवतारों की कथा
स्मृतिकार और समाज रचना
प्राचीन सभ्यताएँ और साम्राज्य
०९ - बैबिलोनिया
१० - कस्सी व मितन्नी आर्य
११ - असुर जाति
१२ - आर्यान (ईरान)
१३ - ईरान और अलक्षेन्द्र (सिकन्दर)
१४ - अलक्षेन्द्र और भारत
१५ - भारत से उत्तर-पश्चिम के व्यापारिक मार्ग
१६ - भूमध्य सागरीय सभ्यताएँ
१७ - मिस्र सभ्यता का मूल्यांकन
१८ - पुलस्तिन् के यहूदी
१९ - यहूदी और बौद्ध मत
२० - जाति संहार के बाद इस्रायल का पुनर्निर्माण
२१ - एजियन सभ्यताएँ व सम्राज्य
२२ - फणीश अथवा पणि
२३ - योरोप की सेल्टिक सभ्यता
२४ - योरोपीय सभ्यता के 'द्रविड़'
२५ - ईसाई चर्च द्वारा प्राचीन यरोपीय सभ्यताओं का विनाश
२६ - यूनान
२७ - मखदूनिया
२८ - ईसा मसीह का अवतरण
२९ - ईसाई चर्च
३० - रोमन साम्राज्य
३१ - उत्तर दिशा का रेशमी मार्ग
३२ - मंगोलिया
३३ - चीन
३४ - चीन को भारत की देन
१० - कस्सी व मितन्नी आर्य
११ - असुर जाति
१२ - आर्यान (ईरान)
१३ - ईरान और अलक्षेन्द्र (सिकन्दर)
१४ - अलक्षेन्द्र और भारत
१५ - भारत से उत्तर-पश्चिम के व्यापारिक मार्ग
१६ - भूमध्य सागरीय सभ्यताएँ
१७ - मिस्र सभ्यता का मूल्यांकन
१८ - पुलस्तिन् के यहूदी
१९ - यहूदी और बौद्ध मत
२० - जाति संहार के बाद इस्रायल का पुनर्निर्माण
२१ - एजियन सभ्यताएँ व सम्राज्य
२२ - फणीश अथवा पणि
२३ - योरोप की सेल्टिक सभ्यता
२४ - योरोपीय सभ्यता के 'द्रविड़'
२५ - ईसाई चर्च द्वारा प्राचीन यरोपीय सभ्यताओं का विनाश
२६ - यूनान
२७ - मखदूनिया
२८ - ईसा मसीह का अवतरण
२९ - ईसाई चर्च
३० - रोमन साम्राज्य
३१ - उत्तर दिशा का रेशमी मार्ग
३२ - मंगोलिया
३३ - चीन
३४ - चीन को भारत की देन
३५ - अगस्त्य मुनि और हिन्दु महासागर
३६ - ब्रम्ह देश
३७ - दक्षिण-पूर्व एशिया
३८ - लघु भारत
४१ - मलय देश और पूर्वी हिन्दु द्वीप समूह४२ - चीन का आक्रमण और निराकरण
४३ - इस्लाम व ईसाई आक्रमण
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