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गुरुवार, जून 17, 2010

श्याम और लव देश

विक्रम संवत् की दसवीं-ग्यारहवीं शती में 'थाई' (ताई : Tai) लोग चीन के नानचाओ प्रदेश से इस दक्षिण-पूर्व एशिया में आए। पश्चिम में ब्रम्ह देश से लगे प्रदेश में अपने को तेलंगी कहने वाले 'मान' लोग (हरिपुंजय राज्य) प्रभावशाली थे और कंबोज के विस्तृत राज्य में ख्मेर। ये दोनों ही भारतीय जीवन से ओतप्रोत थे। ऎसे समय में थाई भी, जिनका नानचाओ प्रदेश भारतीय संस्कृति से परिचित था, उसी में रँगते गए। अंत में कंबुज राज्य का पश्चिमी भाग 'थाई' लोगों का स्याम देश (Thailand) बना, जहाँ के राजा 'राम' की पदवी धारण करते थे। उनकी राजधानी 'द्वारावती' 'अयोध्या' (अयुत्थय: Ayutthaya) बनी। रामायण, महाभारत एवं पुराण उनकी प्रेरणा बने। एक स्वतंत्र देश, परंतु भारतीय संस्कृति से प्रभावित जीवन, किसी भी मत के होते हुए भी सभी हिंदु मतों का आदर। बौद्घ त्रिपिटकों के साथ वेद और आगम का अध्ययन, और फैली मनु प्रणीत परंपरा।

अयुत्थय के ध्वंसावशेष

नानचाओ प्रदेश से एक मानव लहर लव देश तक पहुँची। राम के पुत्र 'लव' पर नामांकित यह 'लक्षावधि हाथियों का प्रदेश' कहलाता है। यहाँ लिंग पर्वत ('वत फू') है। मंदिरों के खंडहर हिंदु प्रतीकों की याद दिलाते हैं। संस्कृत एवं पाली शब्दों की बहुलता उनकी भाषा में है। उनकी कथा और नाटकों में भारत की पौराणिक कहानियाँ गुँथी हुयी हैं। यही सारे दक्षिण-पूर्व एशिया की कहानी है।

वत खू पर एक मन्दिर

चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से

प्राचीन सभ्यताएँ और साम्राज्य
०१ - सभ्यताएँ और साम्राज्य
०२ - सभ्यता का आदि देश
०३ - सारस्वती नदी व प्राचीनतम सभ्यता
०४ - सारस्वत सभ्यता
०५ - सारस्वत सभ्यता का अवसान
०६ - सुमेर
०७ - सुमेर व भारत
०८ - अक्कादी
०९ - बैबिलोनिया
१० - कस्सी व मितन्नी आर्य
११ - असुर जाति
१२ -  आर्यान (ईरान)
१३ - ईरान और अलक्षेन्द्र (सिकन्दर)
१४ - अलक्षेन्द्र और भारत
१५ - भारत से उत्तर-पश्चिम के व्यापारिक मार्ग
१६ - भूमध्य सागरीय सभ्यताएँ
१७ - मिस्र सभ्यता का मूल्यांकन
१८ - पुलस्तिन् के यहूदी
१९ - यहूदी और बौद्ध मत
२० - जाति संहार के बाद इस्रायल का पुनर्निर्माण
२१ - एजियन सभ्यताएँ व सम्राज्य
२२ - फणीश अथवा पणि
२३ - योरोप की सेल्टिक सभ्यता
२४ -  योरोपीय सभ्यता के 'द्रविड़'
२५ - ईसाई चर्च द्वारा प्राचीन यरोपीय सभ्यताओं का विनाश
२६ - यूनान
२७ - मखदूनिया
२८ - ईसा मसीह का अवतरण
२९ - ईसाई चर्च
३० - रोमन साम्राज्य
३१ - उत्तर दिशा का रेशमी मार्ग
३२ -  मंगोलिया
३३ - चीन
३४ - चीन को भारत की देन 
३५ - अगस्त्य मुनि और हिन्दु महासागर
३६ -  ब्रम्ह देश 
३७ - दक्षिण-पूर्व एशिया
३८ - लघु भारत 
३९ - अंग्कोर थोम व जन-जीवन
४० - श्याम और लव देश

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