किंतु यूरोपीय इतिहासज्ञों के अनुसार आर्य भारत में संवत् के सहस्त्र वर्ष पूर्व उत्तर-पश्चिम के दर्रो से आकर पंजाब में बसे और वहॉं से पूर्व एवं दक्षिण की ओर बढ़े। किंतु हम जानते हैं कि रामायण काल और दशरथ का अयोध्या का राज्य इससे पहले आया। तब पूर्व में मगध एवं कौशल प्रतापी राज्य थे। और संवत् के करीब ३५०० पूर्व महाभारत काल और हस्तिनापुर ( दिल्ली) का राज्य आया। इसी प्रकार मोइन-जो-दड़ो (मृतकों की डीह) तथा हड़प्पा के पृथ्वी में दबे नगर और उनकी सभ्यता पंजाब से पुरानी सिद्ध होती है। इसलिए पूर्व एवं दक्षिण की सभ्यताऍं पंजाब से गई हुई नहीं हैं। एक गलत पूर्वाग्रह के कैसे दुष्परिणाम हाते हैं कि सारा इतिहास उलट गया।
आर्य खेती जानते थे। यह प्रकृति के अध्यययन उन्होंने सीखा। भारत में ऋतुओं के क्रम, और साल में एक बार वर्षा के आगमन से जब बीज जमते और सारी प्रकृति हरा परिधान धारण करती, खेती के विचार का जन्म हुआ। अन्यत्र कहॉं बहती हैं मौसमी हवाऍं और कहॉं आती हैं षट ऋतुऍं ? यह जलवायु तो संसार में अन्यत्र नहीं। मानव ने उत्तरी भारत के मैदानों में पहले-पहल पृथ्वी से अन्न उपजाया। चतुर्थ हिमाच्छादन के बाद जब प्रस्तरयुगीन प्रव्रजन की अनेक लहरें यूरोप पहुँचीं तब वे खेती से परिचित थे।
कालचक्र: सभ्यता की कहानी
१ मानव का आदि देश२ मानव का आदि देश
३ मानव का आदि देश
४ मानव का आदि देश
५ मानव का आदि देश
६ मानव का आदि देश
७ मानव का आदि देश
अत्यन्त तर्कपूर्ण विवेचन! कृपया और लिखें।
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